बुधवार, 2 जून 2010

सिर्फ तुम्हारा इन्तजार

मेरे दिल की गहराईयों को
कभी छू ना सकोगे तुम
अगर छू लिया
दूर मुझसे कभी जा न सकोगे तुम

जब तक तुम पहचान न लोगे मुझे
खुद को छुपाता रहूँगा तुझसे
मेरे अंतस में प्रवेश की चाबी होगी
यह कसौटी तुम्हारी

मुझे जानो-पहचानो
और उतर जाओ
मेरे अंतस की गहराईयों में

सिर्फ तुम्ही आ सकते हो यहाँ
कोई और ना समझ पाएगा मुझे इस जहां में
सिवाए तुम्हारे
कोई और ना उतर पाएगा इन गहराईओं में
मुझे सदा तुम्हारा इन्तजार रहेगा .